शनिवार, 9 जून 2012

मैं तुमसे प्यार नही करती....!!




मेरे कुछ शेरों में शामिल है तेरा नाम भी
मेरी कुछ शामों में शामिल है तेरा ख्याल भी
मेरे कुछ आंसुओं का कारण है तेरी कमी भी
मेरी कुछ मुस्कुराहटों में शामिल है तेरी याद भी
मगर फिर भी यह सच है ....
मैं तुमसे प्यार नही करती ...!!
मैंने तुमसे कभी प्यार नही किया ...!!

देखे होंगे कुछ ख्वाब कभी
कि चांदनी रात में टहलते कभी
छत पर लेकर हाथों में हाथ
सुरमई शाम में कभी
सूरज को ढलता देखते साथ
गीतों गज़लों को सुन कर
कभी आह! कभी वाह! करते साथ
खेतों कि पगडंडियों पर कभी
खामोश चलते साथ- साथ
मगर
इन ख्वाबों के हकीकत होने का इन्तिज़ार
मैंने कभी नही किया...
यह सच है कि
मैंने तुमसे प्यार कभी नही किया ...!!

उसके दर से आने वाली
हर राह पर आंख बिछाना
हर आहट पर चौंक कर
दरवाजे तक हो आना
विरह की दाह में जलकर
बेचैन हो जाना
कभी भूखे प्यासे रहना
कभी नींदें गंवाना
दीवानावार इस तरह तेरा इन्तिज़ार
मैंने कभी नहीं किया ...
यह सच है की
मैंने तुमसे प्यार कभी नहीं किया ...!!

मैं तुमसे प्यार नही करती....!!
मैंने तुमसे प्यार कभी नहीं किया ....!!



वाणी गीत

10 टिप्‍पणियां:

  1. दीवानावार इस तरह तेरा इन्तिज़ार
    मैंने कभी नहीं किया ...
    यह सच है की
    मैंने तुमसे प्यार कभी नहीं किया ...!! बेबाक स्वीकारोक्ति अच्छीहै

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  2. मैं तुमसे प्यार नही करती ...!!
    मैंने तुमसे कभी प्यार नही किया ...!!
    फिर ये शब्द सच है या छिपे भाव .... !!

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  3. वाह वाणीजी .....एक ऐसा आर्तनाद जो सुनाई नहीं देता ..... सिर्फ महसूस किया जा सकता है ......!!

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  4. वाह क्या भाव हैं। बहुत सुन्दर

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  5. मेरे कुछ शेरों में शामिल है तेरा नाम भी
    मेरी कुछ शामों में शामिल है तेरा ख्याल भी
    मेरे कुछ आंसुओं का कारण है तेरी कमी भी
    मेरी कुछ मुस्कुराहटों में शामिल है तेरी याद भी
    मगर फिर भी यह सच है ....
    मैं तुमसे प्यार नही करती ...!!
    मैंने तुमसे कभी प्यार नही किया ...!!bilkul alag aur khubsurat andaaz.....

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  6. बेहतरीन प्रस्‍तुति। मेरे नए पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । धन्यवाद ।

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  7. भावमय करते शब्‍दों का संगम और आपका चयन दोनो उत्‍कृष्‍ट हैं ... आभार

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