tag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post3603717622074687819..comments2023-10-03T15:28:37.789+05:30Comments on मेरी नज़र से: शब्द ..... किसके हैं ये शब्दरश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-15205830029227143982012-08-22T12:52:50.900+05:302012-08-22T12:52:50.900+05:30इमरान जी जो आपने लिखा मैं आपकी उन भावनाओं की क...इमरान जी जो आपने लिखा मैं आपकी उन भावनाओं की कद्र करती हूँ ....<br /><br />पर किसी के लिखे को आप अपने नाम से नहीं छप सकते ये क़ानूनी तौर पे भी गलत है ....<br />हाल ही में एक किस्सा हुआ एक व्यक्ति अपना काव्य संग्रह लेकर प्रकाशक के पास गया ...प्रकाशक ने कई वर्ष रखने के बाद भी उसे प्रकाशित नहीं किया ...दो तीन वर्ष बाद जब उसने अपना संकलन किसी और प्रकाशक से छपवाया तो पता चला ये रचनायें तो पहले ही किसी और नाम से छप चुकी हैं ....फिलहाल वो मामला अदालत में है ....<br />एक रचना यूँ ही जन्म नहीं लेती ..कहते हैं रचनाकार को प्रसव जैसी स्तिथि से गुजरना पड़ता है तब जाकर एक अच्छी रचना का जन्म होता है ....<br />क्या हर्ज है जिसे हम पसंद करते हैं उसका नाम भी दे दिया जाये ....?<br />और आपमें तो प्रतिभा है आप लिख सकते हैं ....<br />मैं तो कहूंगी अपना लिखिए और भविष्य में अपना संग्रह भी निकालिए ....<br />आगे बढ़ना ही नियति है ...हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-9540219732291806422012-08-16T13:39:30.401+05:302012-08-16T13:39:30.401+05:30aap sabhi logon ka bahut bahut shukriyaaap sabhi logon ka bahut bahut shukriyaAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-77060491553294626232012-08-10T09:44:50.216+05:302012-08-10T09:44:50.216+05:30wah ! shabd nahi mere pass kuch kehne kay liye...wah ! shabd nahi mere pass kuch kehne kay liye...Rewa Tibrewalhttps://www.blogger.com/profile/06289019678581015004noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-22462481496279739042012-08-09T12:00:47.467+05:302012-08-09T12:00:47.467+05:30मैं खुद कि तारीफ का भूखा नहीं हूँ.......क्योंकि मै...मैं खुद कि तारीफ का भूखा नहीं हूँ.......क्योंकि मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि मेरे ब्लॉग - कलाम का सिपाही और खलील जिब्रान पर जो मैं प्रकाशित करता हूँ आप में से नब्बे फीसदी लोग उसे कभी न पकड़ पाते जिसे अगर मैं अपने नाम से प्रकाशित करता , पर मेरा ऐसा इरादा नहीं, बल्कि मैं तो ये चाहता हूँ कि ये चीजें आप तक पहुंचे ताकि आप उन सबसे भी रूबरू हो सके जो कहीं अछूता रह जाता है...nice खोरेन्द्र https://www.blogger.com/profile/16964838805138081044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-63206393964806630572012-08-08T13:21:29.416+05:302012-08-08T13:21:29.416+05:30शब्द एक छलावा भी हैं ... माध्यम भी हैं ...शब्द एक छलावा भी हैं ... माध्यम भी हैं ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-44797056986104173102012-08-07T15:10:34.792+05:302012-08-07T15:10:34.792+05:30शब्द अभिव्यक्ति का मध्यम मात्रा है , अपनी हो या दू...शब्द अभिव्यक्ति का मध्यम मात्रा है , अपनी हो या दूसरे की !<br />सही !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-62531961127176984472012-08-07T11:30:36.136+05:302012-08-07T11:30:36.136+05:30अरे जागो,
शब्दों के पीछे मत भागो
ये तो सिर्फ एक जा...अरे जागो,<br />शब्दों के पीछे मत भागो<br />ये तो सिर्फ एक जाल है,<br />शब्द अभिव्यक्ति का मात्र माध्यम हैं<br /> आपने सच कहा बहुत सुन्दर प्रस्तुति..Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-60422249063904670882012-08-07T10:55:25.098+05:302012-08-07T10:55:25.098+05:30अरे वाह ....!!!!! बेहतरीन .......सच शब्द नही मेरे ...अरे वाह ....!!!!! बेहतरीन .......सच शब्द नही मेरे पास .......जो पढकर उठने वाले भावों को व्यक्त कर सके .....शायद सच को अभिव्यक्त करने वाले शब्द होते ही नही सिर्फ अर्थ होते हैं जिन्हें महसूस किया जा सकता है देखा जा सकता है जैसे सूरज ...रौशनी शब्द जाल से परे ....../ हैट्स ऑफ़.....इमरान ..../ <br /><br />फिर क्या फर्क है, कि किसी के<br />वस्त्र उजले हैं, और किसी के स्याह<br />क्या संसार के शब्दकोश में<br />कोई भी ऐसा शब्द है,<br />जो उस अनकहे<br />को अभिव्यक्ति दे,<br />...................Anjuhttps://www.blogger.com/profile/11739644950456859545noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-48235114281251701242012-08-06T22:47:04.071+05:302012-08-06T22:47:04.071+05:30क्या कभी अनुमान किया है
कि इन शब्दों के माध्यम
स...क्या कभी अनुमान किया है <br />कि इन शब्दों के माध्यम <br />से ही इस संसार में<br />प्रतिपल कितनी बकवास <br />की जाती है ?<br />कितनो के खिलाफ ज़हर <br />उगला जाता है?<br />कितने लोगों को लड़ाया <br />जाता है ?<br />bhai jaan aapke tahe dil se shukragujaar hoon .... :)विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-45969953225572237712012-08-06T18:00:00.687+05:302012-08-06T18:00:00.687+05:30सच कहा नामों के मायाजाल से उठ कर पढ़ पायें तभी असल...सच कहा नामों के मायाजाल से उठ कर पढ़ पायें तभी असली पढ़ना है .......... आज की प्रस्तुती भी बहुत अच्छी है .....निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-89302787964571915422012-08-06T15:25:17.759+05:302012-08-06T15:25:17.759+05:30बहुत बहुत शुक्रिया रश्मि जी जज्बातों को समझने के ल...बहुत बहुत शुक्रिया रश्मि जी जज्बातों को समझने के लिए ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-89347308050914202032012-08-06T15:12:20.531+05:302012-08-06T15:12:20.531+05:30अरे जागो,
शब्दों के पीछे मत भागो
ये तो सिर्फ एक जा...अरे जागो,<br />शब्दों के पीछे मत भागो<br />ये तो सिर्फ एक जाल है,<br />शब्द अभिव्यक्ति का मात्र माध्यम हैं<br />आपकी बात से पूर्णत: सहमत हूँ ... बिल्कुल सही कहा है आपने ... इस उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए आपका बहुत-बहुत आभारसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.com