tag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post5576797496395193414..comments2023-10-03T15:28:37.789+05:30Comments on मेरी नज़र से: क्यूँ बने सती-सावित्री जब सत्यवान कहीं नहीं...रश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-13022527188832344842012-08-25T20:46:16.724+05:302012-08-25T20:46:16.724+05:30सार्थक प्रस्तुति .....बहुत सुन्दर..सार्थक प्रस्तुति .....बहुत सुन्दर..Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-70575923566282897892012-08-25T16:55:19.819+05:302012-08-25T16:55:19.819+05:30धन्यवाद रश्मि जी...अपनी पोस्ट ब्लॉग मे लगाना तो सभ...धन्यवाद रश्मि जी...अपनी पोस्ट ब्लॉग मे लगाना तो सभी जानते हैं और चाहते हैं लेकिन अपने ब्लॉग मे दूसरों की पोस्ट लाना ये दिलेरी का काम है...जो शायद आप जैसे कुछ लोग ही कर सकते हैं...धन्यवाद Nehahttps://www.blogger.com/profile/01342785247243151659noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-13529085874421873252012-08-25T16:53:36.150+05:302012-08-25T16:53:36.150+05:30इमरान जी...ये कहना सरासर गलत होगा कि लड़कियों को अ...इमरान जी...ये कहना सरासर गलत होगा कि लड़कियों को अधिक छूट देने के दुष्परिणाम भी बहुत सामने आते ही रहते हैं अक्सर...यहाँ सिर्फ लड़कियां ही नहीं लड़कों के बिगड़ने का भी मामला हो सकता है...बिगड़ कोई भी सकता है लड़की हो या लड़का...कई ऐसे भी मामले देखे गए हैं जहां घर पर बंधन मे रहने वाली लड़की ने गलत कदम उठाए हैं...जिनसे बचाने के लिए उसे घर मे रखा गया था जबकि परिवार का सहयोग मिलने के कारण एक लड़की समाज मे प्रतिष्ठित पद को प्रपट करती है और अपने परिवार का नाम रोशन करती है...बिगड़ने के लिए छूट या बंधन मैने नहीं रखते....संस्कार और सोच मैने रखती है... Nehahttps://www.blogger.com/profile/01342785247243151659noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-62900233269572108782012-08-25T16:47:53.916+05:302012-08-25T16:47:53.916+05:30इमरान जी...आपकी बात बिलकुल सही है...लेकिन हर सिक्क...इमरान जी...आपकी बात बिलकुल सही है...लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं...जजरूरी नहीं है कि छुट देने पर ही दुष्परिणाम देखने मिलते हैं...बहुत सी ऐसी घटनाएँ भी हमारे सामने हैं जहां छूट न मिलने वाली लड़कियों ने ही मनमानी के चक्कर मे अपना भविष्य बिगाड़ा और छूट मिलने वाली लड़कियां समाज मे प्रतिष्ठा पाकर अपने परिवार का नाम ऊंचा करती हैं...तो ये कहना कहीं भी सही नहीं है कि कोई लड़की छूट मिलने पर गलत फाइदा उठाएगी और बंधन मे नहीं...ये सिर्फ संस्कार और सोच पर ही निर्भर करता है कि कोई अपना जीवन कैसे जीता है... Nehahttps://www.blogger.com/profile/01342785247243151659noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-81396423729352326422012-08-25T16:07:06.325+05:302012-08-25T16:07:06.325+05:30अपने मन की करना .....कुछ हद तक बदला है .....फिर भी...अपने मन की करना .....कुछ हद तक बदला है .....फिर भी दूसरे घर और तानों का डर हमेशा बना रहता है ....या कहें दिनचर्या में शामिल हो गया वाक्य .....Anjuhttps://www.blogger.com/profile/11739644950456859545noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-51245076034073665602012-08-24T21:51:10.692+05:302012-08-24T21:51:10.692+05:30अच्छे संस्कार लड़कों में भी डाले जाते हैं...लड़किय...अच्छे संस्कार लड़कों में भी डाले जाते हैं...लड़कियों को दूसरे घर जाना होता है इसलिए ज्यादा सिखाया जाता है|ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-67300287762333447572012-08-24T20:54:23.708+05:302012-08-24T20:54:23.708+05:30एक कटु सत्य...एक कटु सत्य...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-28836630844473951542012-08-24T19:18:47.058+05:302012-08-24T19:18:47.058+05:30सार्थक प्रस्तुति.....सार्थक प्रस्तुति.....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-66593295147616758952012-08-24T16:17:04.624+05:302012-08-24T16:17:04.624+05:30स्त्रियों को हर कार्य की वजह देनी पड़ती है , इसके ...स्त्रियों को हर कार्य की वजह देनी पड़ती है , इसके मूल में उनकी सुरक्षा की ही चिंता रही होगी , रूढी के रूप में तो हो तो अवश्य इसका परित्याग करना चाहिए !<br />अच्छी रचना !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-43549243313958171572012-08-24T16:13:35.086+05:302012-08-24T16:13:35.086+05:30क्यूँ बने सती-सावित्री जब सत्यवान कहीं नहीं.... ?
...क्यूँ बने सती-सावित्री जब सत्यवान कहीं नहीं.... ?<br />आज आपके कहे अनुसार चलती है...कल दूसरे घर जाकर उनके हिसाब से चलेगी....तो वो वक़्त कब आएगा जब वो अपने मन की करेगी,जब वो बिना किसी रोकटोक की फिक्र किए खुलकर जिएगी...क्या कभी ऐसा कोई पल उसकी ज़िंदगी मे आएगा...?<br /><br /><br />अपनी ज़िंदगी से खुद के लिए दो पल निकालना कइयों के लिए इतना मुश्किल होगा...सोचा ना था....<br /><br />बिलकुल सच ! बहुत अच्छा लगा !विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-72640846789655922972012-08-24T15:50:39.552+05:302012-08-24T15:50:39.552+05:30मेरे ख़याल से बहुत सी लडकियां आज स्वावलंबी हैं और...मेरे ख़याल से बहुत सी लडकियां आज स्वावलंबी हैं और अपने मन का करती हैं ..<br />पर आपका कथन भी सही है ..कई घरों में आज भी वही पुराने ज़माने की रीत हैं <br />ज़माना बदल रहा है ,जल्द ही समय आएगा ..जब सभी लडकियां अपने मन का कर पाएंगी <br />जब माताएं खुद ये जानेंगी की लड़कियों को भी उड़ना है और पंख फ़ैलाने के लिए जगह चाहिए ..RITU BANSALhttps://www.blogger.com/profile/14474354506605954847noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-37212591652454546482012-08-24T15:50:09.719+05:302012-08-24T15:50:09.719+05:30सार्थक प्रस्तुति .....सार्थक प्रस्तुति .....निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-18298967262555268382012-08-24T15:37:08.084+05:302012-08-24T15:37:08.084+05:30Ek ek shabd zindgi ki sachhai btata hua... Aj v ba...Ek ek shabd zindgi ki sachhai btata hua... Aj v bahut aisi ladkiya h jo ghar me ye tamam baaten jhelti h aur bahar me khud ko free kahti h.. Shayad ye dar ki koi unhe pichhri mansikta ka na samajh le...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-50276162686335696692012-08-24T15:31:00.751+05:302012-08-24T15:31:00.751+05:30सुन्दर आलेख है........पर तस्वीर का दूसरा रुख भी है...सुन्दर आलेख है........पर तस्वीर का दूसरा रुख भी है की हर परिवार भी अपनी बेटी का भला चाहता है तभी हिदायत करता है इसकी एक वजह समाज में घटित होता हुआ सत्य भी है लड़कियों को अधिक छूट देने के दुष्परिणाम भी बहुत सामने आते ही रहते हैं अक्सर ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-49360087558660632872012-08-24T15:28:31.612+05:302012-08-24T15:28:31.612+05:30Ek ek shabd zindgi ki sachhai btata hua... Aj v ba...Ek ek shabd zindgi ki sachhai btata hua... Aj v bahut aisi ladkiya h jo ghar me ye tamam baaten jhelti h aur bahar me khud ko free kahti h.. Shayad ye dar ki koi unhe pichhri mansikta ka na samajh le...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-75767406239977427142012-08-24T14:42:35.945+05:302012-08-24T14:42:35.945+05:30"अपनी ज़िंदगी से खुद के लिए दो पल निकालना कइय..."अपनी ज़िंदगी से खुद के लिए दो पल निकालना कइयों के लिए इतना मुश्किल होगा...सोचा ना था...."<br /><br />ये कडवी सच्चाई है! बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति!<br /><br />Khare Ahttps://www.blogger.com/profile/08834832296834095341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-41401938998848856842012-08-24T14:37:17.367+05:302012-08-24T14:37:17.367+05:30वो वक़्त कब आएगा जब वो अपने मन की करेगी,जब वो बिना...वो वक़्त कब आएगा जब वो अपने मन की करेगी,जब वो बिना किसी रोकटोक की फिक्र किए खुलकर जिएगी...<br />बिल्कुल सही कहा है ... सार्थकता लिए सटीक प्रस्तुति ... आभार आपका सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.com