tag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post7674388365028586232..comments2023-10-03T15:28:37.789+05:30Comments on मेरी नज़र से: स्त्री का अस्तित्व और सवालरश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-56967158898081145112012-09-30T14:08:47.298+05:302012-09-30T14:08:47.298+05:30 मैं पार नहीं कर पाउंगी लक्ष्मण रेखा,
मैं नहीं दे ... मैं पार नहीं कर पाउंगी लक्ष्मण रेखा,<br />मैं नहीं दे पाऊँगी अग्निपरीक्षा,<br />मैं सीता नहीं,<br />मैं स्त्री हूँ,<br />एक स्त्री मात्र! खोरेन्द्र https://www.blogger.com/profile/16964838805138081044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-7249187388812751092012-09-29T17:25:43.523+05:302012-09-29T17:25:43.523+05:30मंजिल तक पहुँचने के लिए चलना तो पढ़ेगा
लड़ाई में ज...मंजिल तक पहुँचने के लिए चलना तो पढ़ेगा <br />लड़ाई में जितने केलिए हिम्मत से लड़ना तो पढ़ेगा<br />जिसने भी हिम्मत हारा,, परीक्षा से मुहं मोड़ा-उसकी अस्तित्व मिट गई ,कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-54609313628506614772012-09-29T15:37:20.121+05:302012-09-29T15:37:20.121+05:30राम का अस्तित्व जब ख़तम हो चूका है तो सीता के अस्त...राम का अस्तित्व जब ख़तम हो चूका है तो सीता के अस्तित्व क्या महत्व रह गया है !<br />अगर जोड़ना ही है सीता के अस्तित्व साथ तो हर दृष्टी से आत्मनिर्भर होना होगा स्त्री को !Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-48227873612910788482012-09-29T14:40:38.156+05:302012-09-29T14:40:38.156+05:30एक सवाल अपने अस्तित्व पर,
मेरे होने से या न होने क...एक सवाल अपने अस्तित्व पर,<br />मेरे होने से या न होने के दव्न्द पर,<br />ना ये सवाल खत्म होते हैं न ही यह द्वंद ... <br />कई वेदना, कई विरह ,कई सवाल,अनसुलझे?<br />लिये वो आगे बढ़ती रहती है<br />फिर एक नया सवाल अपने अस्तित्व पर लेने के लिए <br />सार्थकता लिए सशक्त अभिव्यक्ति ... आभार इसे पढ़वाने के लिए <br />सादर<br />सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-65644368316004800992012-09-29T14:31:23.637+05:302012-09-29T14:31:23.637+05:30कैसे कह दूँ मैं संपूर्ण हूँ,
मुझमे बहुत कमियां है,...कैसे कह दूँ मैं संपूर्ण हूँ,<br />मुझमे बहुत कमियां है, कई पैबंद है……….<br />मै संपूर्ण नहीं होना चाहती,<br />डरती हूँ , सम्पूर्णता के बाद के शुन्य से ........<br />काश बहुत पहले मैं भी ऐसा सोच पाती ...............विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.com