समय के जाने कितने कदम हैं , कितना कुछ अनुकरणीय , प्रशंसनीय .... कोई एक ईंट , कोई एक खम्भा न ईमारत को नाम देता है , न पहचान , न स्थायित्व .
ब्लॉग ब्लॉगर ब्लॉग की दुनिया - यह एक खान है हीरे की , समय दो , बेशकीमती , नायाब हीरे मिलेंगे .सबकी अपनी पहचान , अपना रुतबा - अपने आप में
भारत रत्न !
अपने इस ब्लॉग में बेशकीमती रत्नों से मैं मिलूंगी , मिलाऊँगी --- यूँ कहें , यह ब्लॉग नहीं एक घर है - जो तोड़े से न टूटे , एक एक रचनाएँ और रचनाकार
सृष्टिकर्ता के वियोग से बने हैं .... तब जाकर एक मुस्कान बनी है .
क्षमा करें, इस ब्लॉग में जिस पेज को आप खोज रहे हैं वह मौजूद नहीं है.
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