tag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post1582993782919319731..comments2023-10-03T15:28:37.789+05:30Comments on मेरी नज़र से: एक उदास कवितारश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-37544891523778874592012-10-03T13:38:25.732+05:302012-10-03T13:38:25.732+05:30बहुत सुन्दर..बहुत सुन्दर..Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-67568282655683435012012-10-03T10:39:27.787+05:302012-10-03T10:39:27.787+05:30सब कुछ भले लौट आए
पर नहीं वापस आता,
राह भटका हुआ व...सब कुछ भले लौट आए<br />पर नहीं वापस आता,<br />राह भटका हुआ विश्वास।<br />बहुत सही ... इस बेहतरीन अभिव्यक्ति को पढ़वाने का आभार सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-28423928559283902632012-10-03T02:09:55.849+05:302012-10-03T02:09:55.849+05:30प्रेम
न जाने कब से
यूँ ही तड़पता रहा है शहज़ादे!
क...प्रेम <br />न जाने कब से <br />यूँ ही तड़पता रहा है शहज़ादे!<br />किताबों में लिखे <br />और उपदेशों में उगले गये आदर्श <br />धरातल की तलाश में तब भी थे <br />आज भी हैं। <br />आयोग <br />एक ख़ूबसूरत ढोंग है ..<br />एक क्षितिज है ..<br />जिसकी ओर टकटकी लगाये <br />तब भी देखते थे हम<br />आज भी देखते हैं। <br />आसमान ने <br />भला कब छुआ है धरती को! <br />भाई चण्डीदत्त जी! आज आपके भीतर की आग देख रहा हूँ। इसे यूँ ही जलते रहने देना। वक़्त पर काम आयेगी। बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-30412461225229535642012-10-02T13:41:18.261+05:302012-10-02T13:41:18.261+05:30प्रेम की अकाल मृत्यु पर आओ,
खिलखिलाकर हंसें।
हमारे...प्रेम की अकाल मृत्यु पर आओ,<br />खिलखिलाकर हंसें।<br />हमारे काल का सबसे शर्मनाक सत्य है<br />मन की अटूट प्रतीक्षा से बार-बार बलात्कार।<br />कहने को प्रतीक्षा भी स्त्रीलिंग है, <br />लेकिन उससे हुए दुष्कर्म की सुनवाई महिला आयोग नहीं करता।<br />behad sanvedi ...........dil ke kone me gher ker gayi***********amrendra "amar"https://www.blogger.com/profile/00750610107988470826noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-54504727096649671092012-10-02T13:05:56.614+05:302012-10-02T13:05:56.614+05:30चंडीदत्त जी का जवाब नहीं...
जाने कितने रंग हैं इनक...चंडीदत्त जी का जवाब नहीं...<br />जाने कितने रंग हैं इनकी लेखनी में...<br /><br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4027017705632771090.post-89165601463757259372012-10-02T13:04:43.634+05:302012-10-02T13:04:43.634+05:30प्रेम की कहानियां
इच्छाओं के लोक में
बेसुरी फुसफुस...प्रेम की कहानियां<br />इच्छाओं के लोक में<br />बेसुरी फुसफुसाहट से ज्यादा औकात नहीं रखतीं।<br />~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~<br /><br />हमारे काल का सबसे शर्मनाक सत्य है<br />मन की अटूट प्रतीक्षा से बार-बार बलात्कार।<br />कहने को प्रतीक्षा भी स्त्रीलिंग है, <br />लेकिन उससे हुए दुष्कर्म की सुनवाई महिला आयोग नहीं करता।.<br />.<br />.बहुत ही संवेदनशील ........... मन को छू गयी आपकी कविता ....... नीलिमा शर्मा Neelima Sharma https://www.blogger.com/profile/15015116506093296186noreply@blogger.com