शुक्रवार, 25 अप्रैल 2014

परिवर्तन बेहतर हो तो प्रशंसनीय है




वक़्त बदलता है
रिश्ते क्यूँ बदल जाते हैं ?
क्या इतना नशा है प्राप्य का 
कि कर्तव्य-अधिकार शेष न रहे? 
परिवर्तन बेहतर हो तो प्रशंसनीय है 
पर बेबाक, अर्थहीन परिवर्तन ???

आज मेरी नज़र की प्रस्तुति हैं रामाकांत सिंह 


अब सिद्धार्थ बुद्ध नहीं बनेगा
शुद्धोधन अपने पुत्र पर
यशोधरा अपने त्याग पर
कभी गर्व नहीं कर सकेंगे।
क्यों अवतरित होगा भगीरथ
तर्पण करने पूर्वजों के
नहीं बहेगी चन्द्रशेखर की 
जटाओं से गंगा की धारा।

निरपराध बर्बरीक 
अब अपनी गर्दन बचा लेगा
कृष्‍ण के सुदर्शन चक्र से
ठहाका मारेगा स्वजनों के वध पर
परम आनंद लेगा 
सशरीर युद्ध की विभीषिका का।
धृतराष्‍ट प्रसन्न है अपनी दृष्टिटहीनता पर
गांधारी की नंगी आंखों में कोई क्लेष नहीं
दुर्योधन पारंगत हो गया है
युद्ध और राजनीति में।
समय और चक्र!

काट लेगा एकलव्य गुरु द्रोण का अंगूठा
प्रवीण क्यों होगा
अर्जुन
छल से धर्नुविद्या में
किन्तु समर भूमि मे 
कर्ण ही बलि और महानायक होगा।
गोपियों का मोह भंग हो गया
गोकुल का ग्वाला अपंग हो गया
नाग कालिया दह से बाहर निकल

राजपथ पर विष उगल गया
लाक्षागृह का निर्माण पांण्डव करायेंगे
यशोदानंदन कदंब पर बैठे बंशी बजायेंगे
पॉचजन्य धरा रह जायेगा।
परीक्षित बच जायेगा
खण्ड-खण्ड होगा भरत का भरतखण्डे
संजय बदला-बदला धृतराष्‍ट संजय बन गया
समय और च्रक!

अब दशरथ का शब्दभेदी बाण भोथरा हो गया है
श्रवन मरेगा ही नहीं, न मां बाप श्राप देंगे
न होगा पुत्र शोक, न रावण का नाश।
न बाली का वध न सुग्रीव की मित्रता
राघवेद्र सरकार भी अब मर्यादित हो गये हैं
उर्मिला द्वार पर प्रतीक्षा करे
शनै-शनै रामराज्य की कल्पना मे
ऋषियों के साथ जनपद भी आत्मदाह कर लेंगे
गर्व से रावण राज करेगा लंका पर
विभीषण आज्ञाकारी अनुज बन राज-सुख भोगेगा
समय और चक्र!

शकुन्तला अब धर पर नहायेगी
तब ही अंगूठी अंगुली में बच पायेगी
दुष्‍यंत हर पल याद करता रहेगा
राज काज में भी दिया हुआ वादा
भरत निर्भीक खेलेगा सिंह की जगह न्याय से।
हरबोलवा गायेगा झांसी की रानी?
देश की खातिर भगत चढेगा फांसी?
वतन फरोशी के बिस्मिल गीत गायेगा?
चारों पहर बह रही है खून की नदियां
दिल और दिमाग जैसे कुंद हो गया
समय और चक्र!

4 टिप्‍पणियां:

  1. रश्मि प्रभा जी आपके स्नेह का जीवन पर्यन्त ऋ णी आपने कुछ मेरी नज़र में मेरी रचना समय और चक्र को स्थान दिया ब्लॉग जगत के विद्वान लोगों के मध्य मुझ अकिंचन को यह स्थान आभार और प्रणाम आपकी सहृदयता को

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  2. आपकी ये पोस्ट आज के ब्लॉग बुलेटिन में शामिल की गयी है.... धन्यवाद.... एक गणित के खिलाड़ी के साथ आज की बुलेटिन....

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    1. Shekhar suman ji आपने समय और चक्र को ब्लॉग बुलेटिन की प्रविष्ठी के योग्य माना और सम्मान दिया ह्रदय से आभार प्रणाम स्वीकारें

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