शनिवार, 17 मई 2014

मेरी नज़र से

प्राकृतिक सौंदर्य और ओस सा चेहरा - जिनको देखकर आँखों को हल्की स्मित दी जा सक्ती है। ऐसे कुछ चेहरों में फ़िल्मी दुनिया के ये चेहरे गुलमर्ग की घाटियों में खिले, खिलनमर्ग की खुशबूओं से भरे लगते हैं - 


लीला नायडू (१९४०-२८ जुलाई२००९हिन्दी चलचित्र की पुरानी अभिनेत्री रही हैं। ये १९५४ में मिस इंडिया भी रही हैं। इन्हें मधुबाला एवं सुचित्रा सेन के अपवाद को छोड़कर अपने समय में किसी भी हिन्दी फिल्म अभिनेत्री से अधिक सुंदर कहा गया है।



वहीदा रहमान (जन्म- 14 मई1936) एक प्रसिद्ध भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं। वहीदा रहमान भारतीय फ़िल्म इतिहास की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक हैं। गाइड, प्यासा, चौदहवीं का चाँद, काग़ज़ के फूल, साहिब बीबी और ग़ुलाम, तीसरी कसम आदि वहीदा रहमान की उल्लेखनीय फ़िल्में हैं। 
कौन भूलेगा - जाने क्या तूने कही  … बात कुछ बन ही गई 




साधना (जन्म: २ सितम्बर१९४१ को कराचीसिन्धभारत) एक प्रसिद्ध भारतीय सिने तारिका हैं।
साधना अपने माता पिता की एकमात्र संतान थीं, और १९४७ मे देश के बंटवारे के बाद उनका परिवार कराची छोड़कर मुंबई आ गया। साधना का नाम उनके पिता मे अपनी पसंदीदा अभिनेत्री साधना बोस के नाम पर रखा था। उनकी माँ ने उन्हें आठ वर्ष की उम्र तक घर पर ही पढा़या था।

8 जनवरी 1939 को मुंबई के एक मराठी भाषी परिवार में जन्‍मीं नंदा के पिता मास्‍टर विनायक भी अभिनेता थे. अपने पिता की मौत के बाद नंदा को महज आठ साल की छोटी उम्र में रोजी-रोटी के लिए फिल्‍मों में काम करना पड़ा. उन्‍होंने 1957 से 1995 के दौरान फिल्‍मों में सक्रिय योगदान दिया. 







मीना कुमारी का जन्म 1 अगस्त 1932 को मुंबई में एक मध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता अली बख़्श एक पारसी थिएटर में काम किया करते थे। उनकी माँ इकबाल बेगम एक नर्तकी थीं। परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब रहने के कारण मीना कुमारी को बचपन में ही स्कूल छोड़ देना पड़ा। वर्ष 1939 में बतौर बाल कलाकार मीना कुमारी को विजय भट्ट की फ़िल्म 'लेदरफेस' में काम करने का मौक़ा मिला।
पिया ऐसो जिया में समाय गयो रे  … में उनका नशीला अल्हड़पन आज भी दर्शकों को याद है  … 

सुचित्रा सेन (जन्म: ६ अप्रैल, १९३१ - १७ जनवरी २०१४) हिन्दी एवं बांग्ला फिल्मों की अभिनेत्री की निजी धरोहर उनका सौन्दर्य रहा है। 







क्रमशः 

6 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन बड़ा धमाका - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. ओस से धुली पंखुड़ियों से पाक़ चेहरे !

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  3. वाह सब की यादें ताज़ा हो गईं।अद्भुत सौंदर्

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  4. सौंदर्य एवम अभिनय का अद्भुत संगम रही हैं ये अभिनेत्रियाँ ! इस सूची में नूतन का नाम भी अवश्य शामिल होना चाहिये ! बहुत सारी मधुर यादें ताज़ा करने के लिये शुक्रिया आपका !

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  5. लीला नायडू की अबोध मुस्कुराहट कभी नहीं भूलती मुझे!!

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