मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

पिता का ख़त पुत्री को ( दूसरा भाग )




सतीश सक्सेना - http://satish-saxena.blogspot.in/

पत्र के पहले भाग में, बेहद प्रतिष्ठित लेखिकाओं तथा लेखकों ने अपनी उत्साहवर्द्धक प्रतिक्रियाएं दी, मैं यह स्पष्ट करना कहता हूँ कि इस कविता में बेटी को नसीहत नहीं बल्कि एक बेहद प्यार करने वाले पिता की इच्छा है और आशा है कि जितना प्यार तुम मुझे करती हो उतना ही प्यार अपने नए पिता, मां और बहिन को करना और इस प्यार की शुरुआत, वहां जा कर तुम्हे करनी है, बिना उनसे उम्मीद किए !

सदा अधूरा, पति रहता है
यदि तुम मन से साथ नही हो
अगर , पूर्ण नारीत्व चाहिए
पति की अभिलाषा बन जाओ
बनो अर्ध नारीश्वर जैसी, हर साधना तुम्हारी होगी
पहल करोगी अगर नंदिनी, घर की रानी तुम्ही रहोगी !

पति-पत्नी हैं एक डाल पर
लगे फूल दो बगिया के
जब तक खिले न साथ
अधूरे लगते हैं सुंदरता में
दोनों में से एक खिले, तो यह फुलवारी नही सजेगी!
पहल करोगी अगर नंदिनी, घर की रानी तुम्ही रहोगी!

निर्बलता की बनो सहायक,
ईश्वर देगा साथ तुम्हारा,
वृद्ध जनों का प्यार मिला
तो सारा जीवन सफल तुम्हारा
आशीर्वाद बड़ों का लेकर, सबसे आगे तुम्ही रहोगी!
पहल करोगी अगर नंदिनी, घर की रानी तुम्ही रहोगी!

कार्य करो संकल्प उठा कर ,
हो कल्याण सदा निज घर का
स्व-अभिमानी बनकर रहना
पर अभिमान न होने पाये
दृढ विश्वास ह्रदय में लेकर , कार्य करोगी सफल रहोगी!
पहल करोगी अगर नंदिनी, घर कि रानी तुम्ही रहोगी!

कमजोरों के लिए सुपुत्री,
जिस घर के दरवाजे खुलते
आदि शक्ति परमात्मा ऊपर,
जिस घर श्रद्धा सुमन बिखरते
कभी अँधेरा पास न आए सूर्य-किरन सी तुम निखरोगी
पहल करोगी अगर नंदिनी, घर की रानी तुम्ही रहोगी!

5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत प्यारा खत बेटी के नाम...
    अच्छे संस्कार और अच्छी शिक्षा ही काम आती है
    इतनी प्यारी रचना के लिए सतीश जी का और पढ़वाने के लिए आपका आभार!!

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  2. कार्य करो संकल्प उठा कर ,
    हो कल्याण सदा निज घर का
    स्व-अभिमानी बनकर रहना
    पर अभिमान न होने पाये
    संस्‍कारों की विरासत भावनाओं की अंजुरी में ...
    इस उत्‍कृष्‍ट प्रस्‍तुति के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. सदा अधूरा, पति रहता है
    यदि तुम मन से साथ नही हो
    अगर , पूर्ण नारीत्व चाहिए
    पति की अभिलाषा बन जाओ
    ..
    कितनी सच्ची बात कहदी . काश हर पिता अपनी पुत्री को यही सीख दे ताकि आज तलाक जैसे नौबते न आये .... कुछ सीख आजकल के लडको को देने की जरुरत हैं ...........दोनों एक परिवार की धुरी होते हैं . ..........बेहद उम्दा ....

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  4. बहुत प्यारा सा खत बेटी के नाम...

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  5. hum to achi tarah samjha bujha ke bhejte hain.
    Parmeshwar ka ashirwaad sabse jyada zaroori hai

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