शनिवार, 2 जून 2012

ओ नन्हे से परिंदे !




ओ नन्हें से परिंदे

मुझे तुमसे बहुत कुछ सीखना है !



सीखना है कि

दिन भर की अपनी थकान को

सहज ही भुला तुम

अपने छोटे-छोटे से पंखों में

कहाँ से इतनी ऊर्जा भर लाते हो

कि पलक झपकते ही

आकाश की ऊँचाइयों में विचरण करते

घने मेघों से गलबहियाँ डाल

चहचहा कर तुम ढेर सारी

बातें करने लगते हो !



सीखना है कि

कहाँ से तुमने इतना हौसला जुटाया है

कि लगभग हर रोज़

कभी इंसान तो कभी बन्दर

तुम्हारा यत्न से सँजोया हुआ

घरौंदा उजाड़ देते हैं

और तुम निर्विरोध भाव से

तिनका-तिनका जोड़

पुन: नव नीड़ निर्माण के

असाध्य कर्म में बिना कोई उफ़ किये

एक बार फिर से जुट जाते हो !


सीखना है कि

कहाँ से तुम धीर गंभीर

योगी तपस्वियों जैसी

असम्पृक्तता, निर्वैयक्तिकता

और दार्शनिकता की चादर

ओढ़ पाते हो कि अपने

जिन नन्हे-नन्हे चूजों की चोंच में

दिन रात के अथक श्रम से

एकत्रित किये दानों को चुगा कर

तुम उन्हें जीवनदान देते हो,

दिन रात चील, कौए

गिद्ध, बाजों से उनकी

रक्षा करते हो ,

सक्षम सशक्त होते ही

तुम्हें अकेला छोड़ वे

फुर्र से उड़ जाते हैं

और उनके जाने के बाद भी

निर्विकार भाव से

बिना स्वर भंग किये

हर सुबह तल्लीन हो तुम

उतने ही मधुर,

उतने ही जीवनदायी,

उतने ही प्रेरक गीत

गा लेते हो !


ओ नन्हें से परिंदे अभी

मुझे तुमसे बहुत कुछ सीखना है !


साधना वैद !

एक संवेदनशील, भावुक और न्यायप्रिय महिला हूँ । अपने स्तर पर अपने आस पास के लोगों के जीवन में खुशियाँ जोड़ने की यथासम्भव कोशिश में जुटे रहना मुझे अच्छा लगता है ।


11 टिप्‍पणियां:

  1. ओ नन्हें से परिंदे अभी
    मुझे तुमसे बहुत कुछ सीखना है !
    बहुत ही प्रेरक भाव हैं इस अभिव्‍यक्ति के ... उत्‍कृष्‍ट रचना चयन के लिए आपका आभार ... साधना जी को बधाई

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  2. ओ नन्हें से परिंदे अभी
    मुझे भी तुमसे बहुत कुछ सीखना है !
    दिल को छू गई कविता .... !!

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  3. बहुत प्यारी रचना.....
    साधना जी को पढ़ना हमेशा से एक सुखद अनुभव है...

    आभार रश्मि दी.

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  4. परिंदे हमें वाकई बहुत कुछ सिखाते हैं...
    बहुत अच्छी रचना...
    प्रस्तुति के लिए आभार !!

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  5. हर सुबह तल्लीन हो तुम
    उतने ही मधुर,
    उतने ही जीवनदायी,
    उतने ही प्रेरक गीत
    गा लेते हो !

    बहुत ही सुन्दर...........

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  6. बहुत बहुत धन्यवाद रश्मिप्रभा जी मेरी रचना के चयन के लिए ! आभारी हूँ आप सदा मुझे याद रखती हैं ! एक बार पुन: आपका धन्यवाद !

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  7. नन्हे परिंदे भी बड़ी बाते सिखा देते हैं !

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  8. अच्छी रचना...
    प्रस्तुति के लिए आभार !!

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