शनिवार, 28 जुलाई 2012

देखती है दुनिया...



अडिग अटल .... कुछ हटकर - हमेशा नज़रों में आता है
फिर होती है परीक्षा , हर कोई डिगाना चाहता है
दुनिया मौन को भी नहीं बक्शती !

रश्मि प्रभा

देखती है दुनिया...



कभी एक सड़क के किनारे एक भिखारी बैठा करता था... वो हमेशा भीख में १ रु. का सिक्का ही लेता था, कोई ज्यादा देना भी चाहे, तो मना कर देता था... एक दिन एक व्यक्ति उसकी परीक्षा लेने के उद्देश्य से उसके पास गया और उसे १०००/- का नोट निकाल कर देने लगा...उस भिखारी ने इंकार की मुद्रा में सिर हिलाते हुए व्यक्ति की तरफ मुस्कुरा कर देखा...
व्यक्ति ने हैरत से पूँछा, "क्यों नहीं ?"...
भिखारी ने उसी तरह मुस्कराहट को होंठों पर सजाये रखा और धीरे से जवाब दिया,
"बाबूजी, आप भी मुझे १०००/- का नोट इसलिए दे रहे हैं, क्योंकि आपको पता है कि मैं लूँगा नहीं... आप जैसे कई आते हैं मेरी परीक्षा लेने के लिए... कई तो रोज इसी चाहत में आते हैं कि किसी दिन तो मेरा ईमान डिगेगा और १/- का सिक्का देकर चले जाते हैं... अगर मैं यहाँ सिर्फ भीख मांगने बैठा होता, तो कोई ५० पैसे का सिक्का भी नहीं देता, उलटे दुत्कार कर और चला जाता..."
" ये दुनिया एक भीड़ है, बाबूजी और जो भी इस भीड़ से अलग हटकर खड़े होने की हिम्मत दिखाता है, उसी को ये दुनिया देखती है और सिर माथे पर बैठाती है..."

शिक्षा:- दुनिया लीक पर चलने वालों को भाव नहीं देती, इसलिए लीक से हट कर चलने कि हिम्मत दिखाइए... एक कहावत भी है,

" लीक-२ गाड़ी चलै, लीकहि चलै कपूत..
ये तीनों उलटे चलें, शायर, सिंह, सपूत..."


डा. गायत्री गुप्ता 'गुंजन'
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http://drgayatrigunjan.blogspot.in/

10 टिप्‍पणियां:

  1. दुनिया लीक पर चलने वालों को भाव नहीं देती, इसलिए लीक से हट कर चलने कि हिम्मत दिखाइए..
    बिल्‍कुल सही कहा ... इस उत्‍कृष्‍ट प्रस्‍तुति के लिए आपका आभार

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  2. उस भिखारी ने इंकार की मुद्रा में सिर हिलाते हुए व्यक्ति की तरफ मुस्कुरा कर देखा...
    आजकल के कुछ भिखारी आपसे और भी छीन लेंगे ....दुनिया सचमुच एक भीड़ है ..इसमे कुछ लोग गलत तरीके अपनाते है ..लेकिन कुछ महान लोग सही और अलग तरीके अपनाते है ...शायद भिखारी उसी महान लोगो कि कड़ी में से एक होगा ...

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  3. वाह..
    बहुत बढ़िया कथा...और बहुत प्यारी सीख...
    आभार.

    अनु

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  4. दुनिया लीक पर चलने वालों को भाव नहीं देती, इसलिए लीक से हट कर चलने कि हिम्मत दिखाइए...्सुन्दर संदेश देती कथा

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  5. सही कहा आपने
    दुनिया लीक पर चलने वालों को भाव नहीं देती ...


    अडिग अटल .... कुछ हटकर - हमेशा नज़रों में आता है
    फिर होती है परीक्षा , हर कोई डिगाना चाहता है
    दुनिया मौन को भी नहीं बक्शती !

    बहुत सुंदर !
    साभार !

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  6. दुनिया लीक पर चलने वालों को भाव नहीं देती, इसलिए लीक से हट कर चलने कि हिम्मत दिखाइए....
    दुनिया मौन को भी नहीं बक्शती !
    इसके आगे लिखने के लिए कुछ बचा ही नहीं !

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