सुनीता सनाढ्य पाण्डेय
आज सुबह जब वो बोले ए जी
तुम भजन बहुत सुनाती हो
बच्चे बोले हाँ माँ वो भी
पंचम सुर में गाती हो
सब मिलकर फिर बोले
इतनी एनर्जी कहाँ से लाती हो?
हमने कहा
जो तुम ही कर लेते कुछ थोडा सा पूजा-पाठ
कहाँ रह जाती मुझे ज़रुरत
हो जाते सबके ठाठ औ' बाठ
ए जी, जो तुम कुछ देर को
टी वी से ना बतियाते
बस बीवी से ही नयन मिलाते
तो बोलो हम क्यूँ भजन सुनाते?
और बच्चों तुम भी
छोड़ अपना मोबाइल,औ' कंप्यूटर
करते अपने कमरे की सफाई
तो फिर ना देते तुम मुझे
यूँ पंचम सुर की यही दुहाई
और सुनो तुम सब अब ये कि
जब चलती नहीं है मेरी मर्ज़ी
अपने आप ही आ जाती है मुझमे
यूँ भजन सुनाने की एनर्जी
देखो अब मेरी भी है उमर हुई
झाड़ू,पौंछे और बर्तन में
मेरी सारी ही उमर गयी
अब थोड़ी तुम सबसे मदद की है की मैंने गुहार
अब तुम इसे भजन समझो या समझो मेरी करुण पुकार
अब जब तक न मेरा हाथ बंटाओगे
पंचम सुर में तब तक यूँ ही
भजन हमेशा सुनते जाओगे....:)......
चिंता न करें हर घर में होती है यह भजन. लेकिन अच्छा लगता है
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया सुनीता जी मज़ा आ गया...
जवाब देंहटाएंआज पता चल ही गया इस दुनिया में मैं ही अकेली नहीं :)
जवाब देंहटाएंhahahaha....bahut accha....ghar ghar ki kahani
जवाब देंहटाएंbahut pasand aaya sunita ji
जवाब देंहटाएं:-) बहुत बढ़िया....
जवाब देंहटाएंलगा हमारी राम कहानी है :-)
अनु
अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी ......
जवाब देंहटाएंkya khub...kahani ghar ghar ki..:)
जवाब देंहटाएंअब तुम इसे भजन समझो या समझो मेरी करुण पुकार
जवाब देंहटाएंअब जब तक न मेरा हाथ बंटाओगे
पंचम सुर में तब तक यूँ ही
भजन हमेशा सुनते जाओगे....:)...
वाह बेहतरीन :)
वाह: बहुत बढ़िया सुनीता जी...सब की राम कहानी यही है..
जवाब देंहटाएंयही तो तुम्हारी खासियत है सुनीता बात बात मे बात कह जाने की
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंमेरी नयी पोस्ट - "इंटरनेट के टॉप सर्च इंजन्स"
मेरा ब्लॉग पता है :- harshprachar.blogspot.com
पसंद करने हेतु आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद....शुक्रिया रश्मिप्रभा दी....:-)
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