मैं खुद को आज़ाद तब समझूँगी
जब सबके सामने यूँ ही
लगा सकूँगी तुम्हें गले से
इस बात से बेपरवाह कि तुम एक लड़के हो,
फ़िक्र नहीं होगी
कि क्या कहेगी दुनिया?
या कि बिगड़ जायेगी मेरी 'भली लड़की' की छवि,
चूम सकूँगी तुम्हारा माथा
बिना इस बात से डरे
कि जोड़ दिया जाएगा तुम्हारा नाम मेरे नाम के साथ
और उन्हें लेते समय
लोगों के चेहरों पर तैर उठेगी कुटिल मुस्कान
जब मेरे-तुम्हारे रिश्ते पर
नहीं पड़ेगा फर्क
तुम्हारी या मेरी शादी के बाद,
तुम वैसे ही मिलोगे मुझसे
जैसे मिलते हो अभी,
हम रात भर गप्पें लड़ाएँगे
या करेंगे बहस
इतिहास-समाज-राजनीति और संबंधों पर,
और इसे
तुम्हारे या मेरे जीवनसाथी के प्रति
हमारी बेवफाई नहीं माना जाएगा
वादा करो मेरे दोस्त!
साथ दोगे मेरा,
भले ही ऐसा समय आते-आते
हम बूढ़े हो जाएँ,
या खत्म हो जाएँ कुछ उम्मीदें लिए
उस दुनिया में
जहाँ रिवाज़ है चीज़ों को साँचों में ढाल देने का,
दोस्ती और प्यार को
परिभाषाओं से आज़ादी मिले.
आराधना चतुर्वेदी
दोस्ती कि खुबसूरत परिभाषा देती खुबसूरत अभिवयक्ति......
जवाब देंहटाएंवादा करो मेरे दोस्त!
जवाब देंहटाएंसाथ दोगे मेरा,
भले ही ऐसा समय आते-आते
हम बूढ़े हो जाएँ,
या खत्म हो जाएँ कुछ उम्मीदें लिए
उस दुनिया में
बहुत ही बढिया ... इस उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए आपका आभार
khoobsurat kavita... khoobsurat dost ke liye
जवाब देंहटाएंbahut acchi
जवाब देंहटाएंवादा करो मेरे दोस्त!
जवाब देंहटाएंसाथ दोगे मेरा,
भले ही ऐसा समय आते-आते
हम बूढ़े हो जाएँ,
या खत्म हो जाएँ कुछ उम्मीदें लिए
उस दुनिया में
जहाँ रिवाज़ है चीज़ों को साँचों में ढाल देने का,
दोस्ती और प्यार को
परिभाषाओं से आज़ादी मिले.
बहुत कोमल भाव ....और दोस्त की अहमियत बताती रचना ...
शुद्ध सम्बन्धों की ख़्वाहिश ! मगर सामाजिक सम्बन्धों में इतना स्पेस मिल पाना एक ख़्वाब हो गया है। काश ऐसा हो पाता....
जवाब देंहटाएंहम औन्धे मुँह एक ही जगह पर क्यों गिर पड़ते हैं ?
दोस्ती और प्यार को
जवाब देंहटाएंपरिभाषाओं से आज़ादी मिले.
....इंतज़ार है उस दिन का...
दोस्ती तो बिंदास होनी चाहिए बस |
जवाब देंहटाएंसही है
जवाब देंहटाएंदोस्ती और प्यार को परिभाषाओं से आजादी मिलनी ही चाहिए !
दोस्ती और प्यार को परिभाषा से आज़ादी मिले !
जवाब देंहटाएंताकि अपनी दोस्ती या प्यारार निभाते दूसरों की दोस्ती या प्रेम पर कीचड़ ना उछालें !
बेहतरीन !
दोस्ती और प्यार की कोई परिभाषा नहीं ये अपने में ही पूर्ण हैं..सुन्दर..
जवाब देंहटाएंवादा करो मेरे दोस्त!
जवाब देंहटाएंसाथ दोगे मेरा,
भले ही ऐसा समय आते-आते
हम बूढ़े हो जाएँ,
या खत्म हो जाएँ कुछ उम्मीदें लिए
उस दुनिया में
जहाँ रिवाज़ है चीज़ों को साँचों में ढाल देने का,
दोस्ती और प्यार को
परिभाषाओं से आज़ादी मिले. bahut achchhi lagi kavita waah