क्या प्यार ऐसा होता है
अंधेरों में रास्ता दिखाता
जब तुम सोचो कि तुम्हारे
पैरों के नीचे से धरती
खिसकी जा रही है
तब तुम्हारे पैरों के नीचे
अपने हाथ को रखता
सहारा देता
पीठ थपथपाता
सराहता
गुनगुनाता
जब नींद ना आए
तो लोरी सुनाता
बहलाता
सहलाता
जब तुम दर्द से
चीखना चाहो
तब होंठों पर
मुस्कान बिखराता
दर्द पर मरहम लगाता
जलते मन पर
हिम का फाहा बन
बिछ जाता
टूटे हृदय के
टुकड़ों को सहेजता
जोड़ता
नया बनाता
जब मृत्यु की चाहत हो
तब जिजीविषा जगाता
जीने के कारण गिनाता
बिखरे सपनों को
फिर से बुनता
दुःस्वप्नों में बन
एक मुस्कान है आता
आँखों में बन चमक
छा जाता
बन वर्षा की बूँदें
वीरान जीवन की
बंजर धरती पर
बौछारों सा आता
प्रेम से नहलाता
जीवन सजाता
आशाएँ छिटकाता
भटकन में
राहें दिखलाता
प्यासी आत्मा को
बन सुधा बूँदें
तृप्त कर जाता
यदि प्यार यह सब है
तो प्यार ही
जीवन का अमृत है।
घुघूती बासूती
http://ghughutibasuti.blogspot.in/
बिल्कुल प्यार ही तो जीवन का अमृत है।
जवाब देंहटाएंsahi likha hai ....
जवाब देंहटाएंsarthak abhivyakti ....!!
हाँ!!!
जवाब देंहटाएंप्यार ऐसा ही होता है......
सादर.
जब मृत्यु की चाहत हो
जवाब देंहटाएंतब जिजीविषा जगाता
जीने के कारण गिनाता
बिखरे सपनों को
फिर से बुनता
दुःस्वप्नों में बन
एक मुस्कान है आता
सच्चे प्यार की परिभाषा के अन्तरगत ये सारी विशेषताएं आती तो हैं ....
काश सबके नशीब में ऐसा प्यार करने वाला हो .... !!
ऐसा ही होता है .....
जवाब देंहटाएंयदि प्यार यह सब है तो अमृत है ...निश्चित ही !
जवाब देंहटाएंयदि प्यार यह सब है
जवाब देंहटाएंतो प्यार ही
जीवन का अमृत है ..
इसमें कोई सन्देह नहीं ...
इस उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए आपका आभार ।
बंजर धरती पर
जवाब देंहटाएंबौछारों सा आता
प्रेम से नहलाता
जीवन सजाता
आशाएँ छिटकाता
सचमुच प्यार ऐसा ही है...सुंदर अहसास !
HAN DI, JAB PYAR SACCHA HO TO , SAHI ME PYAR AISA HI HOTA HAI .......
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